शनिवार, 14 अगस्त 2010

अभिव्यक्ति दस साल की


इस सप्ताह स्वतंत्रता दिवस के शुभ दिन अभिव्यक्ति, ४५०वें अंक के साथ अपने जीवन के दस वर्ष पूरे करेगी। इसका पहला अंक १५ अगस्त २००० को प्रकाशित हुआ था। पत्रिका का प्रारंभ मासिक पत्रिका के रूप में हुआ था पर जल्दी ही यह पाक्षिक और फिर साप्ताहिक रूप में प्रकाशित होने लगी।

पाठकों के अपरिमित स्नेह, साथियों के निरंतर सहयोग और रचनाकारों के कर्मठ उद्यम के लिये कृतज्ञता प्रकट करने का इससे उपयुक्त समय और भला क्या होगा। अभिव्यक्ति की स्थायी टीम प्रो.अश्विन गांधी, प्रवीण सक्सेना, पूर्णिमा वर्मन और दीपिका जोशी की ओर से पाठकों, स्तंभकारों व रचनाकारों का सादर अभिनंदन व हार्दिक आभार! आनेवाले समय के लिये भारतीय साहित्य, संस्कृति और कला से प्रेम रखने वालों के लिए ढेरों शुभकामनाएँ। आशा है आगे की यात्रा साहित्य, तकनीक, कला और सार्थकता की दृष्टि से बेहतर बनेगी।

यह देखकर प्रसन्नता होती है कि वर्ष २००० जहाँ हमारे पहले अंक को पढ़नेवाले माह में केवल ६० थे आज इनकी संख्या लगभग ५ लाख है। हिंदी में लिखे गए ढेरों शुभकामना संदेश इस समय अभिव्यक्ति के फेसबुक वाले समूह पृष्ठ पर पढ़े जा सकते हैं। ये सभी संदेश हिंदी के अनन्य प्रेमियों या साहित्यकारों के हैं जिन पर तकनीक से दूरी बनाए रखने के आरोप लगते रहे हैं। कुछ संदेश ऐसे पाठकों के भी हैं जो भारतीय मूल के नही हैं। यह हिंदी के लिये सुखद स्थिति है और इंगित करती है कि हिंदी का प्रयोग करने वालों में कंप्यूटर का ज्ञान व रुझान तेजी से बढ़ रहा है साथ ही हिंदी विदेशियों में भी लोकप्रिय हो रही है।

जहाँ तक पहुँचे हैं उसका संतोष है, भविष्य के लिये कुछ योजनाएँ हैं जो धीरे धीरे अपना रूप लेंगी। आशा है सभी का स्नेह और सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा।

स्वतंत्रता दिवस की अनेक शुभकामनाओं के साथ,

पूर्णिमा वर्मन

11 टिप्‍पणियां:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

दस वर्ष पूर्ण करने पर बधाई। अभिव्यक्ति केवल पत्रिका ही नहीं, वह एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ भी बनता जा रहा है साहित्य का। झंडा ऊंचा रहे तुम्हारा :) बहुत बहुत बधाई॥

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ढेरों शुभकामनायें।

सुशीला पुरी ने कहा…

'अभिव्यक्ति' के दस बर्ष पूरे करने के शुभ अवसर पर में हार्दिक बधाई -शुभकामना ।

राजेश उत्‍साही ने कहा…

चोंच में आकाश लिए इस उड़ान के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं। सचमुच पांच लाख पाठक हर माह यह संख्‍या कम नहीं होती। बधाई।

अनुनाद सिंह ने कहा…

'अभिव्यक्ति' ने हिन्दी की बड़ी सेवा की है। अन्तरजालीय हिन्दीसमाज को राह दिखाया और हिन्दी के प्रति उत्साह का माहौल बनाने में अहम् भूमिका अदा की।

पत्रिका के दस वर्ष पूरे होने पर आपको बहुत-बहुत बधाई ! इस कार्य में कितना परिश्रम, कितनी योजना, कितना चिन्तन, कितना प्रबन्धन लगा है, समझ सकता हूँ।

Asha Joglekar ने कहा…

स्वतंत्रता दिवस की शुभ कामनाएँ आपको भी और अभिव्यक्ती को भी ।

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

पूर्णिमा जी, मैनें शायद पहले भी आपसे कहा था कि किसी भी पत्रिका का 10 वर्ष पूरा होना एक अद्भुत और बहुत बड़ी सफ़लता है। बड़े बड़े प्रकाशन केन्द्रों की पत्रिकायें,अखबार आज जिस तेजी से शुरू होते---बंद हो जाते हैं--उसे देख कर लगता है कि लेखन,साहित्य ,पठन-पाठन से लोगों की रुचि हट गयी है---लेकिन शायद यह कहना गलत होगा। अन्तर्जाल पर जिस शान और सफ़लता के साथ "अभिव्यक्ति " ने दस वर्ष पूर्ण किये हैं--वह इस बात का सूचक है कि माध्यम में तो रुचि कम ज्यादा हो सकती है--लेकिन साहित्य तो हमेशा ही लिखा पढ़ा जाता रहेगा। और अभिव्यक्ति जैसे मंच उसे हमेशा आगे बढ़ाते रहेंगे। इस सफ़लता के लिये सम्पूर्ण अभिव्यक्ति टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें। हेमन्त कुमार

अजय कुमार झा ने कहा…

ये इतनी बडी उपलब्धि है कि इस पर आज भी गर्व किया जा सकता है और कल भी ...शुभकामनाएं

डॉ० डंडा लखनवी ने कहा…

आम आदमी के हित में आपका योगदान महत्वपूर्ण है।
अभिव्यक्ति' के दस बर्ष पूरे करने के शुभ अवसर पर में हार्दिक बधाई -शुभकामना ।

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

bahut bahut badhai.aapki patrika anantkal tak apni aabha bikhere

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

purnimaji namaskar.wish you a happy new year and thanks for your nice comments with regards