सोमवार, 22 अगस्त 2011

जन्मदिन अभिव्यक्ति का- उपहार पाठकों के लिये

१५ अगस्त २०११ को अभिव्यक्ति अपने जीवन के ११ वर्ष पूरे कर १२वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। हर साल अभिव्यक्ति के जन्मदिन पर पाठकों के लिये एक विशेष उपहार की परंपरा रही है। इस वर्ष हमारी तकनीकी टीम ने दिन रात परिश्रम कर के तैयार किया है- तुक-कोश। एक लाख से अधिक शब्दों वाले इस तुक कोश में किसी भी शब्द से मिलते तुकांत शब्दों की खोज की जा सकती है।

गीति काव्य की हमारे देश में अद्भुत परंपरा है। लेकिन अनेक कारणों से जन सामान्य में इसकी लोकप्रियता उतनी नहीं रही जितनी होनी चाहिये। इन कारणों में से एक प्रमुख कारण यह भी है कि हिंदी में कोई अच्छा तुक कोश नहीं बना। देश की पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण के क्रम में, इस कमी को पूरा करने के लिये वेब पर पहली बार अपनी तकनीकी टीम के सहयोग से हम प्रस्तुत कर रहे हैं

अभिव्यक्ति तुक कोश

इस अवसर पर मैं संपादक मंडल की ओर से अपनी तकनीकी टीम और उसका नेतृत्व करनेवाली रश्मि आशीष को धन्यवाद देना चाहूँगी जिन्होंने इसे नियत समय में अथक उत्साह से तैयार किया। हमारे पाठकों का भी हार्दिक आभार जो निरंतर हमें कुछ नया करने की प्रेरणा देते रहे हैं। आशा है उदीयमान रचनाकार, कवि और लेखक इसे उपयोगी पाएँगे। सभी से निवेदन है के इसके अच्छे बुरे पक्ष को हमसे साझा करें ताकि इसे और भी उपयोगी बनाया जा सके।

केवल गीत ही नहीं गद्य में भी अनेक स्थानों पर तुक का प्रयोग कथन में चमत्कार पैदा करता है। तुकांतता की इस अद्भुत शक्ति को बल देने के लिये, जन जन तक पहुँचाने के लिये और अपनी सांस्कृतिक परंपरा के विकास को सहज सरल बनाने के लिये यह तुक कोश सहायक
हो यही मंगल कामना है।