मंगलवार, 4 दिसंबर 2007
तारों की चूनर
आज का दिन अच्छा रहा। आज के ही दिन डॉ सत्यभूषण वर्मा का जन्म हुआ था 1932 में, वे हिन्दी हाइकु के पितामह माने जाते हैं। उनके सम्मान में हिंदी हाइकु की दुनिया के लोग 4 दिसंबर को हिंदी हाइकु दिवस मनाते हैं। आज गाज़ियाबाद में इसी अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया और मेरी सहेली डॉ.भावना कुंअर के पहले हाइकु संग्रह का विमोचन भी हुआ।
भावना भारत में नहीं थीं। वे पिछले कई सालों से यूगांडा में हैं। अभी अभी एक मित्र के हाथों उन्हें प्रकाशित किताब की 5प्रतियाँ मिली हैं। उनसे मैसेंजर बात हुई, खूब खुश थीं। बिलकुल अभी किताब के साथ खिंचवाया हुआ एक फ़ोटो भेजा उन्होंने। इस संग्रह की भूमिका लिखी है प्रसिद्ध हाइकुकार डॉ. जगदीश व्योम ने और भावना का परिचय मेरा लिखा हुआ है। वे पिछले कुछ सालों से अनुभूति के लिए नियमित लिखती रही हैं।
किताब बहुत सुंदर प्रकाशित हुई है। नाम है तारों की चूनर। हर पृष्ठ पर एक हाइकु और एक सुंदर स्केच है। मुखपृष्ठ पर का चित्र स्वयं भावना की कलाकृति है और अंदर के हाइकुओं पर आधारित चित्र जाने माने चित्रकार बी.लाल के हैं। इतनी कलात्मक पुस्तक के लिए भावना को ढेर सी बधाई और संग्रह की सफलता के लिए अनेक शुभकामनाएँ :)
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7 टिप्पणियां:
पूर्णिमा जी आपके ब्लॉग पर "तारों की चूनर" के विमोचन के बारे में पढकर बहुत अच्छा लगा और उससे भी ज्यादा अच्छा लगा आपका स्नेह किन्तु इस का श्रेय आप सबको ही जाता है क्योंकि आप सबके सहयोग के बिना यह सम्भव ना हो पाता.
बधाई के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद...
मेरी तरफ से भी शुभकामनायें।
Poornima jee aapne jo blog likha hai usse ye to samajh aata hai ki kitaab nishchit hee badhiya hogee. kuchh aisa jatan karo ki ham jalghar ke vasee ise padh bhee sake.
bhavna ji ko bahut bahut shubhkamnaye. mai bhee chand maheene 14 mah ghaziabaad raha hoo aur geetabh ka sadasya tha.
kripyaa kar pustak ke kuch ansh blog par zaruur post kare.n
अरे वाह, बहुत अच्छा लगा कि डा.भावना जी की किताब का विमोचन हुआ। डा.भावनाजी को हार्दिक बधाई! हायकू दिवस की आपको भी बधाई।
जानकर अच्छा लगा मेरी ओर से ढेरो शुभकामना
हमारी भी बधाई!!!
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