बुधवार, 26 मई 2010

कैसी कैसी कार चोरियाँ


यों तो इमारात में गर्मी का मौसम अभी शुरू नहीं हुआ है पर दोपहर में इतनी गरमी ज़रूर हो जाती है कि बंद कार अगर आधा घंटा धूप में खड़ी रह जाए तो उसे फिर से ठंडा होने में १५ मिनट का समय लग जाए। इससे बचने के लिए अक्सर लोग ए.सी. खोलकर कार में ताला लगाए बिना दूकानों में चले जाते हैं ताकि वापस लौटने पर कार ठंडी मिले। कभी कभी लोग घर से निकलने के १०-१५ मिनट पहले कार चालू कर देते हैं ताकि यात्रा शुरू करने से पहले कार थोड़ी ठंडी हो जाए।

मेरे पिताजी के लिए इसमें से दो बातें बडे ही आश्चर्य की थीं। उन्होंने पूछा था, "क्या लोग कार खुली छोड़कर दूकान के अंदर चले जाते हैं? और वो चोरी नहीं हो जातीं?"
"क्या बिना चलती हुई कार में ए.सी. और रेडियो चलाने से उनकी बैटरी डाउन नहीं होती?"

बिना चलती हुई कार में ए.सी. और रेडियो कैसे चलता है यह बात तो उन्हें जल्दी ही समझ में आ गई लेकिन खुली पड़ी कारें चोरी नहीं होतीं इसका आश्चर्य बना ही रहा था। मैंने कहा था, यहाँ आमतौर पर लोग सूटकेस बाहर छोड़कर रेस्त्रां में चाय पीने चले जाते हैं। आधे घंटे बाद आने पर भी सूटकेस वहीं मिलता है। चोरी की घटनाएँ आमतौर पर नहीं होती हैं। तब से अब तक १५ साल में इमारात की जनसंख्या दुगनी हुई है। भीड़ बढ़ने के साथ साधनों की कमी हुई है, महँगाई बेतहाशा बढ़ी है और साथ ही बढ़वार हुई है अपराधों की। अन्य गंभीर अपराध तो बढ़े ही हैं, सामान्य रूप से पड़ी हुई चीज़ चोरी नहीं होगी ऐसा अब नहीं कहा जा सकता। ए.सी. चलाकर बिना ताला लगाए छोड़ी गई कारों पर भी इसका असर हुआ है।

दुबई पुलिस द्वारा जारी एक समाचार के अनुसार २००८ की गर्मियों में ए.सी. चालू कर के छोड़ी गई ४० कारें चोरी हुई थीं जिसमें से ३५ बरामद कर ली गई थीं। २००९ में ६४ कारें चोरी हुईं और सभी को पुलिस ने बारमद कर लिया। इस वर्ष चोरी की घटनाओं से बचने के लिए गरमी शुरू होने से पहले ही पुलिस द्वारा अखबारों में निरंतर चेतावनी प्रकाशित की जा रही है कि कार का ए.सी. चलाकर उसे अकेला न छोड़ें। इस सबके बावजूद ९ कारें चोरी हो चुकी हैं जिसमें से ४ अभी भी लापता है। महँगी और शानदार गाड़ियाँ चोरी का ज्यादा शिकार होती हैं। तो क्या शहर में गाड़ी चोरों का गैंग आ बसा है?

पुलिस का कहना है कि ए.सी. चलाकर छोड़ी गई महँगी कारों की चोरी हमेशा उन्हें बेचकर धन कमाने के लिए नहीं की जाती। एक चोर ने स्वीकारा कि जब वह सड़क के किनारे टैक्सी का इंतज़ार कर रहा था उसके सामने ही एक लग्जरी कार आकर रुकी जिसका चालक उसे खुली छोड़कर सुपर मार्केट के अंदर चला गया। टैक्सी की प्रतीक्षा करने वाला व्यक्ति लग्जरी कार पर सवारी के लालच को रोक न सका और कार लेकर उड़ता बना। बाद में उसने गंतव्य पर पहुँचकर कार को उसी प्रकार खुला छोड़ दिया जैसा उसके मालिक ने छोड़ा था।

कमाल है जनाब! चोरी में भी इतनी शराफ़त! मालूम नहीं यह कहानी पढ़कर पिताजी की क्या प्रतिक्रिया होगी। शायद वे जोर का एक ठहाका लगाएँगे।

5 टिप्‍पणियां:

माधव( Madhav) ने कहा…

interesting

honesty project democracy ने कहा…

चोरी और शराफत दो अलग विचारधारा है जिसको कभी भी मिलाया नहीं जा सकता / अमीरात पुलिस वाकई धन्यवाद की हक़दार है की ज्यादातर चोरी की कारें बरामद कर लेती है ,हमारी दिल्ली पुलिस तो हमलावरों तक को पकरने का कोई भी प्रयास नहीं करती /

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

वाह! मज़ा आ गया ये वाकया पढ के तो.

प्रज्ञा पांडेय ने कहा…

ham toh yahan band car ke bhi chori ho jaane ki ashanka se grast rahate hain .. dubayi men fir bhi bahutv shareef log basate hain .... tabhi toh gantavya tak jaakeer usane car chhhod di .. achchha aalekh .. dhanyvaad

alka mishra ने कहा…

wah wah wah !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!