१५ अगस्त २०११ को अभिव्यक्ति अपने जीवन के ११ वर्ष पूरे कर १२वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। हर साल अभिव्यक्ति के जन्मदिन पर पाठकों के लिये एक विशेष उपहार की परंपरा रही है। इस वर्ष हमारी तकनीकी टीम ने दिन रात परिश्रम कर के तैयार किया है- तुक-कोश। एक लाख से अधिक शब्दों वाले इस तुक कोश में किसी भी शब्द से मिलते तुकांत शब्दों की खोज की जा सकती है।
गीति काव्य की हमारे देश में अद्भुत परंपरा है। लेकिन अनेक कारणों से जन सामान्य में इसकी लोकप्रियता उतनी नहीं रही जितनी होनी चाहिये। इन कारणों में से एक प्रमुख कारण यह भी है कि हिंदी में कोई अच्छा तुक कोश नहीं बना। देश की पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण के क्रम में, इस कमी को पूरा करने के लिये वेब पर पहली बार अपनी तकनीकी टीम के सहयोग से हम प्रस्तुत कर रहे हैं
अभिव्यक्ति तुक कोश
इस अवसर पर मैं संपादक मंडल की ओर से अपनी तकनीकी टीम और उसका नेतृत्व करनेवाली रश्मि आशीष को धन्यवाद देना चाहूँगी जिन्होंने इसे नियत समय में अथक उत्साह से तैयार किया। हमारे पाठकों का भी हार्दिक आभार जो निरंतर हमें कुछ नया करने की प्रेरणा देते रहे हैं। आशा है उदीयमान रचनाकार, कवि और लेखक इसे उपयोगी पाएँगे। सभी से निवेदन है के इसके अच्छे बुरे पक्ष को हमसे साझा करें ताकि इसे और भी उपयोगी बनाया जा सके।
केवल गीत ही नहीं गद्य में भी अनेक स्थानों पर तुक का प्रयोग कथन में चमत्कार पैदा करता है। तुकांतता की इस अद्भुत शक्ति को बल देने के लिये, जन जन तक पहुँचाने के लिये और अपनी सांस्कृतिक परंपरा के विकास को सहज सरल बनाने के लिये यह तुक कोश सहायक
हो यही मंगल कामना है।
18 टिप्पणियां:
इस उपहार के लिए हार्दिक आभार पूर्णिमा जी॥ साहित्य के लिए ये अनुपम भेंट होगी।
वाह ये तो अनुपम उपहार है। हार्दिक आभार्।
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें।
बहुत ही बढ़िया प्रयास...धन्यवाद इस अनुपम भेंट के लिए
लेखकों, कवियों और रचनाकार के लिए संजीवनी से कम नहीं है ... इस अनुपम उपहार के लिए शुक्रिया ...
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं ...
सचमुच यह अद्भुत काम किया है आप लोगों ने। मैंने अन्ना शब्द डालकर उसका तुकांत खोजा। देखकर चकित हूं कि कम से कम हजार शब्द वहां हैं। बधाई।
प्रिय कमला, वंदना, राजीव जी, दिगंबर जी और राजेश उत्साही जी अभिव्यक्ति तुक कोश पसंद करने के लिये हार्दिक आभार
जन्मदिन अभिव्यक्ति का उपहार हमारे लिए... लाजवाब...बहुत बहुत शुक्रिया
मेरे लिए तो एकदम नयी बात.
ऐसा भी सोचा जा सकता है कि पंछी, बादल, पेड़, आसमान, प्यार, आंखें जैसे कुछ शब्द डाल दें और कविता बन जाए, यानि कविता लिखने का प्रोग्राम.
तुक कोश कविता लिखने का काम तो नहीं करेगा और पंछी, बादल, पेड़, आसमान, प्यार, आंखें जैसे ढेर से शब्द एक साथ नहीं लेगा। एक ही शब्द एक बार में लिखना होगा जैसे 'आसमान'। लिखने के बाद 'तुकांत शब्द खोजें' को क्लिक करना होगा। आपको ढेरों शब्दों की सूची मिलेगी आसमान शब्द से मिलते हुए तुकों वाली। अपनी पसंद का शब्द चुनकर इसे रचना में प्रयोग किया जा सकता है।
बधाई के लिये सबका आभार विशेष रूप से राजेश उत्साही जी का जिन्होंने इसका प्रयोग किया और अपनी राय लिखी।
बड़ा ही सुन्दर उपहार।
bahut hee sarahneey kaary hai yah. meree badhai sweekaren!
बहुत बहुत बधाई
पूर्णिमा जी ,
ये तो आपने बहुत ही अच्छा उपहार दिया है , हम सभी को . इसके लिए धन्यवाद.
बधाई !!
आभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
इस अप्रतिम उपहार के लिए बधाई और शुभकामनाएं
आपने ठीक कहा है केवल पद्य नही अपितु गद्य में भी तुक की आवश्यकता कई बार महसूस होती है । यह एक स्तुत्य उपक्रम है और यह कहां पाया या खरीदा जा सकता है कृपया अवगत करायें । अभिव्यक्ति को ११ वर्ष पूरे कर लेने की बधाई ।
ऐसी रोचक , अनूठी
और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए
आभार .. !
अभिवादन ... !!
जानकारी के लिये धन्यवाद
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