सोमवार, 21 दिसंबर 2009

बाल्टी यात्रा बच्चों के लिए


जिस तरह मुंबई वालों को दौड़ने की आदत है उसी तरह दुबई वालों को चलने की आदत है। किसी न किसी बात पर पदयात्रा के बहाने ढूँढ ही लिए जाते हैं। पिछले माह शुक्रवार २० नवंबर को दुबई केयर्स की ओर से एक बाल्टी यात्रा (वाटर बकेट वाक) का आयोजन किया गया, जिसमें इमारात के ५,००० निवासियों ने हिस्सा लिया। २० नवंबर का दिन विशेष रूप से इस यात्रा के लिए इसलिए भी चुना गया क्यों कि यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस भी है। दुबई केयर्स की स्थापना सितंबर २००७ को मोहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम ने की थी जो दुबई के शासक और इमारात के उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री हैं। इस संस्था का उद्देश्य विकासशील देशों के बच्चों में शिक्षा का प्रसार करना है। संस्था का कहना है कि विकासशील देशों में पीने के पानी की कमी के कारण बहुत से बच्चे या तो शिक्षा प्राप्त करने नहीं जाते या आए दिन विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं।

जुमेरा के सागर तट से लगे तीन किलोमीटर लंबे मार्ग पर आयोजित इस बाल्टी पदयात्रा में इमारात में बसे सभी देशों और आयुवर्ख के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में उत्साह दिखाई दिया। ३० दिरहम की छोटी सी पंजीकरण फीस के बदले हर प्रतिभागी को दुबई केयर्स टी-शर्ट, बाल्टी और एक पानी की बोतल प्रदान की गई थी। इनको लेकर पदयात्रा करते हुए प्रतिभागियों को इस बात का हल्का सा अनुभव अवश्य हुआ होगा कि पानी ढोकर तीन किलोमीटर तक चलना कितनी बड़ी मुसीबत का काम है। जबकि आँकड़े कहते हैं कि विकासशील देशों में प्रत्येक बच्चा पीने के साफ़ पानी को लाने के लिए औसतन ६ किलोमीटर रोज़ पैदल चलता है। इस कवायद में उसका सारा समय और श्रम परिवार के साथ, पीने और रसोई के पानी को इकट्ठा करने में लगा रहता है और शिक्षा व विकास के अवसर हाथ से निकल जाते हैं। विकासशील देशों में हर वर्ष बच्चों के लगभग साढ़े चार करोड़ स्कूलदिवसों में सिर्फ इसलिए अनुपस्थिति लगती है कि उन्हें पीने के पानी की व्यवस्था में माता पिता का हाथ बटाना था। यही नहीं विश्व में हर रोज़ हर १५ सेकेंड पर एक बच्चे की मौत गंदा पानी पीने के कारण होती है। पंजीकरण के इन तीस दिरहमों की राशि एक साल तक एक बच्चे की पानी की आवश्यकता को पूरा कर सकेगी, इस प्रकार इस पदयात्रा द्वारा ५००० बच्चों के लिए एक वर्ष तक स्वच्छ पानी का प्रबंध सुनिश्चित किया गया।

दुबई विद्युत एवं जल निगम ने इस आयोजन के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाई, इसके आयोजनकर्ता थे दुबई म्युनिसिपैलिटी तथा दुबई पुलिस व आर टी ए तथा इसको सफल और अविस्मरणीय बनाने में पेप्सी और द फ़र्स्ट ग्रुप ने सहयोग किया।

10 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

पदयात्रा के माध्यम से बहुत ही सराहनीय कार्य..बढ़िया जानकारी आभार!!

प्रज्ञा पांडेय ने कहा…

aapki post hamesha nayi jaankaariyon ko samete hue aati hai sadhanyvaad . badhayi

Udan Tashtari ने कहा…

आभार इस बाल्टी यात्रा के विषय में जानकारी देने का....

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

वाह

prabhat gopal ने कहा…

bachpan ko bachane ki aisi pahal ka swagat hona chahie. post kafi achi lagi aur lekhan behad acha..

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

भारत में तो कप यात्रा ही की जा सकती है। कप भी जो क्रिकेट में जीतने पर विश्‍व कप के तौर पर हो। जबकि इस कप से बेहतर तो बाल्‍टी ही है, कम से कम कपड़े धोने अथवा नहाने के काम में तो लाई जा सकती है। कप में तो सिर्फ एक जन ही चाय पी सकता है।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

दुबई के लिए शौक है पर भारतीय महिलाओं के लिए अनिवार्य:(

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना
बहुत बहुत बधाई .....

Vinashaay sharma ने कहा…

बहुत अच्छा लगा बाल्टी यात्रा के बारे में पड़ कर,एसा लगा एक नया विषय पड़ रहा हूँ ।

Asha Joglekar ने कहा…

बाल्टी यात्रा वाह, पानी की कमी की और ध्यान खींचने का अच्छा तरीका है ।