tag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post536816161709139444..comments2023-10-15T13:32:04.954+04:00Comments on चोंच में आकाश: ताड़ों की क्या बातपूर्णिमा वर्मनhttp://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-39143388455622594902007-11-21T11:13:00.000+04:002007-11-21T11:13:00.000+04:00हरसिंगार से श्वेतरात भरधीरे धीरे झरतेवसुधा की श्या...हरसिंगार से श्वेत<BR/>रात भर<BR/>धीरे धीरे झरते<BR/>वसुधा की श्यामल अलकों में<BR/>मोती चुनकर भरते<BR/>मंत्र सरीखे सर सर बजते<BR/>नवस्पंदन से नित सजते<BR/><BR/>मस्र्भूमि पर रखे हुए है<BR/>हरियाली का हाथ<BR/>अद्भुत पंक्तियाँ....वाह.आप के पास शब्दों का असीम भंडार और कल्पना की ऐसी उड़ान है जो विस्मित कर देती है. ऐसी विलक्षण प्रतिभा हर किसी के पास नहीं होती. मेरी बधाई स्वीकार करें.<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-53747661468784605382007-11-21T11:12:00.000+04:002007-11-21T11:12:00.000+04:00रोचक जानकारी और एक अति सुंदर कविता के लिए धन्यवाद....रोचक जानकारी और एक अति सुंदर कविता के लिए धन्यवाद.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-88414141455194632092007-11-21T08:07:00.000+04:002007-11-21T08:07:00.000+04:00वाह पूर्णिमाजी ताढों को लेकर इतनी सुंदर कविता कया ...वाह पूर्णिमाजी ताढों को लेकर इतनी सुंदर कविता <BR/>कया बात है आपकी !Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-86387263096833634752007-11-21T07:50:00.000+04:002007-11-21T07:50:00.000+04:00वाह आपकी भी क्या बातवाह आपकी भी क्या बातTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-55939819886446273242007-11-20T19:55:00.000+04:002007-11-20T19:55:00.000+04:00क्या बात है , क्या बात है! वाकई, ताड़ों पर ऐसी नज़र,...क्या बात है , क्या बात है! वाकई, ताड़ों पर ऐसी नज़र, बहुत खूब!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-68230722800849962352007-11-20T16:33:00.000+04:002007-11-20T16:33:00.000+04:00बहुत बढ़िया...मैंने पहली बार ताड़ के बारे ऐसी सोच ...बहुत बढ़िया...मैंने पहली बार ताड़ के बारे ऐसी सोच देखी...नहीं तो यही सुनते आए थे कि;<BR/><BR/>छाया नहीं होती खजूर के दरख्त में<BR/>न बांधिए उम्मीद बड़े आदमी के साथ.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-60363238258569545292007-11-20T16:05:00.000+04:002007-11-20T16:05:00.000+04:00सचमुच ताड़ों की क्या बात !सचमुच ताड़ों की क्या बात !Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.com