tag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post5414934685046684703..comments2023-10-15T13:32:04.954+04:00Comments on चोंच में आकाश: कजरारी आँखों का रहस्यपूर्णिमा वर्मनhttp://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-22728591575069978102013-05-19T13:38:05.476+04:002013-05-19T13:38:05.476+04:00प्राचीन काल में मक्खन हल्दी से बना और आज के समय मे...प्राचीन काल में मक्खन हल्दी से बना और आज के समय में बना काजल में बहुत अंतर है ईरान और अरब देश का सुरमा बहुत ही भिन्न और काला है |पाश्चात्य देशों में तो मस्कारा लगा कर आँखें सुंदर पर काजल और अरबी,इरानी सुरमे के कोई होड़ नहीं गुड्डोदादीhttps://www.blogger.com/profile/10381007322183223193noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-41993901600903507392010-01-16T23:16:42.568+04:002010-01-16T23:16:42.568+04:00एकदम अनूठी और दिलचस्प जानकारी मैम।
शुक्रिया।एकदम अनूठी और दिलचस्प जानकारी मैम।<br /><br />शुक्रिया।गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-69825160411391336262010-01-15T19:50:33.151+04:002010-01-15T19:50:33.151+04:00बहुत खूब पूर्णिमा जी, मै तो हर साल इस तरह का काजल ...बहुत खूब पूर्णिमा जी, मै तो हर साल इस तरह का काजल बनाती हूँ........सुन्दर और जरुरी जानकारी .सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-47974661760271167472010-01-15T17:38:14.452+04:002010-01-15T17:38:14.452+04:00वैसे आज के समय में युवतियां फैशन के माहौल में काजल...वैसे आज के समय में युवतियां फैशन के माहौल में काजल का उपयोग नहीं कर रही है .... मगर मैंने अनुभव किया है की कई वृद्ध महिलाए आज भी आँखों में काजल का उपयोग कर रही है ....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-43076559209082615402010-01-15T13:06:45.051+04:002010-01-15T13:06:45.051+04:00बहुत सुंदर जानकारी!
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महके हृदय तुम्हारा!, मिलत...<b>बहुत सुंदर जानकारी!</b> <br />-- <br /><a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2010/01/blog-post.html" rel="nofollow">महके हृदय तुम्हारा!</a>, <a href="http://hindeekaashringaar.blogspot.com/2010/01/blog-post_12.html" rel="nofollow">मिलत, खिलत, लजियात ... ... .</a><br /><a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2009/12/blog-post_27.html" rel="nofollow">संपादक : "सरस पायस"</a>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-85654123444598638092010-01-15T12:19:20.540+04:002010-01-15T12:19:20.540+04:00shandaar rahasyashandaar rahasyaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-68833572507844067132010-01-15T11:49:01.414+04:002010-01-15T11:49:01.414+04:00काजल और कवी के रिश्ते के साथ साथ ........... आँखों...काजल और कवी के रिश्ते के साथ साथ ........... आँखों और काजल के रिश्ते को भी जीवित करने की जरूरत है आज ............ ये बात दुबई के ऍफ़.ऍम. पर भी जोरशोर से बताई जा रही थी कुछ दिनों पहले .....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-19237059336524300942010-01-15T11:04:57.976+04:002010-01-15T11:04:57.976+04:00बहुत अच्छी जानकारी है। हमारे यहाँ तो आज भी ये काजल...बहुत अच्छी जानकारी है। हमारे यहाँ तो आज भी ये काजल बनाया जाता है। आभारनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-54548948754363983542010-01-15T08:36:04.570+04:002010-01-15T08:36:04.570+04:00काजल और सुरमे की कजरारी जानकारी के लिए शुक्र...काजल और सुरमे की कजरारी जानकारी के लिए शुक्रिया ....प्रज्ञा पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/03650185899194059577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-63196510847651839062010-01-15T07:56:34.101+04:002010-01-15T07:56:34.101+04:00अच्छी जानकारी...वैसे उस काजल की कुछ तो खूबियाँ रही...अच्छी जानकारी...वैसे उस काजल की कुछ तो खूबियाँ रही ही होंगी..मगर आज की आधुनिकता...कौन जाने क्या पाया-क्या खोया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com