tag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post2814133920423148692..comments2023-10-15T13:32:04.954+04:00Comments on चोंच में आकाश: पान बनारस वालापूर्णिमा वर्मनhttp://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-3214833631886714192011-04-05T23:05:59.147+04:002011-04-05T23:05:59.147+04:00पूर्णिमा जी, इस बार तो...पूर्णिमा जी, इस बार तो लगता है आपके लिये स्टेडियम के पास से या फ़िर मेफ़ेयर के बगल से पान पैक करवाकर ही लाना होगा-----सच में पान के बारे में आपने बहुत ही रोचक जानकारी बहुत सुन्दर ढंग से प्रस्तुत की है----पान खाने खिलाने की जो परंपरा अपने देश में थी और है----उसके साथ ही पान के कितने औषधीय गुण भी हैं,यहां के हर धार्मिक अनुष्ठान में भी पान का कितना महत्व है उससे हम सभी डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-2614018495088931702011-03-31T17:31:15.730+04:002011-03-31T17:31:15.730+04:00पान के बहाने कितने ही लोगों से भेंट हो गई... मीनाक...पान के बहाने कितने ही लोगों से भेंट हो गई... मीनाक्षी कहाँ हो आजकल? इमारात में हो तो फोन करो... ईमेल करो। हजारों सालों से नहीं मिले। वंदना, रश्मि प्रभा, मोनिका, वाशिनी जी, लेख पसंद करने के लिये आभार। आचार्य जी आपने इतनी सारी बातें बताईं पान के बारे में लगता है सबको लेकर एक दिन पूरा एक बड़ा लेख लिखना होगा। सबको धन्यवाद।पूर्णिमा वर्मनhttps://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-63270357776630426692011-03-31T07:22:57.080+04:002011-03-31T07:22:57.080+04:00पान लगाना /खिलाना दोनों ही इस उपमहाद्वीप की संस्कृ...पान लगाना /खिलाना दोनों ही इस उपमहाद्वीप की संस्कृति की खासियत रही है ।<br />इस सुंदर और उपयोगी लेख केलिए बधाई !vashini sharmahttps://www.blogger.com/profile/05702723689054655248noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-62233516651712754172011-03-31T06:10:35.669+04:002011-03-31T06:10:35.669+04:00पूर्णिमा जी!
वन्दे मातरम.
रोचक लेख हेतु धन्यवाद. प...पूर्णिमा जी!<br />वन्दे मातरम.<br />रोचक लेख हेतु धन्यवाद. पान को लेकर हिन्दी में 'मान का पान', 'पान-पन्हैया', 'पान खिलाना', 'पान उठाना', 'पान मँगाना' जैसे मुहावरे हैं. . स्वादिष्ट से स्वादिष्ट और मँहगे से मँहगे आहार के साथ 'सम्मान' नहीं जुड़ा है पर पान के साथ सम्मान जुड़ा है. किसी को पान खिलाने की इच्छा व्यक्त करना अर्थात उसे सर्वाधिक सम्मान देना.<brDivya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-17959103742792374012011-03-27T19:37:34.215+04:002011-03-27T19:37:34.215+04:00प्रणाम पूर्णिमादी,,पान की इस कथा ने तो हमें पिछले ...प्रणाम पूर्णिमादी,,पान की इस कथा ने तो हमें पिछले दिनों के हादसे की याद दिला दी...दिल्ली की एक शादी में मस्ती मस्ती में एक रिश्तेदार ने 420 नम्बर का पान दे दिया और साथ दे दिया एक प्लास्टिक का गिलास कि एक बूँद भी निगलना नहीं...पूछिए नहीं क्या हाल हुआ ...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-32562986433510431822011-03-26T10:23:12.257+04:002011-03-26T10:23:12.257+04:00बडी रोचक पोस्ट...अच्छी लगी यह पान के बारे में विस्...बडी रोचक पोस्ट...अच्छी लगी यह पान के बारे में विस्तृत जानकारी ... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-89305792208719994242011-03-26T10:14:15.663+04:002011-03-26T10:14:15.663+04:00सारी बंदी के बावजूद पान प्रेमी पान ढूँढ लेते हैं औ...सारी बंदी के बावजूद पान प्रेमी पान ढूँढ लेते हैं और गंदगी फैलाने से बाज़ नहीं आते।... is aalekh ka ek mahatwpurn pakshरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-76597405294877547002011-03-25T06:01:39.386+04:002011-03-25T06:01:39.386+04:00पूर्णिमा जी अभिव्यक्ति के माध्यम से तो आपसे परिचय ...पूर्णिमा जी अभिव्यक्ति के माध्यम से तो आपसे परिचय था ब्लॉग पहली बार देखा अच्छा लगा आपके द्वारा परोसा गया पान !!!Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-74202477477256712392011-03-24T09:37:01.111+04:002011-03-24T09:37:01.111+04:00प्रवीण जी, प्रसाद जी,सत्य जी, लेख पसंद करने के लिय...प्रवीण जी, प्रसाद जी,सत्य जी, लेख पसंद करने के लिये धन्यवाद। डंडा लखनवी जी आपने जो महत्वपूर्ण जानकारी दी है वह सभी पाठकों के काम आएगी। आभार।पूर्णिमा वर्मनhttps://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-17548350235447378042011-03-24T00:56:39.967+04:002011-03-24T00:56:39.967+04:00Badhiya article......
AAN + BAAN + SHAAN = PAANBadhiya article......<br /><br /> AAN + BAAN + SHAAN = PAANsumeet "satya"https://www.blogger.com/profile/15673324697110656691noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-72230175064818099112011-03-23T21:19:59.340+04:002011-03-23T21:19:59.340+04:00पूर्णिमा वर्मन जी!
पान से संबंधित इतने अच्छे आलेख ...पूर्णिमा वर्मन जी!<br />पान से संबंधित इतने अच्छे आलेख के लिए-धन्यवाद!<br />इससे जुड़ी कुछ और जानकारियाँ आपसे साझा करना चाहता हूँ।<br />==============================<br />पान को विभिन्न प्रकार के मसालों में लपेट कर पेश करने में जहाँ’ ’बनारस’ अव्वल है वहीं इसकी उत्तम प्रजाति उपजाने में ’महोबा’ का नाम है। हमारी सांस्कृतिक परंपरा में पान की प्रतिष्ठा सदियों पुरानी है। अनेक प्रकार के मसालों को पान केडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-28531344589591526272011-03-23T21:00:37.252+04:002011-03-23T21:00:37.252+04:00दर असल लोग पान खाने का सलीका भूल गए हैं। जब आप पा...दर असल लोग पान खाने का सलीका भूल गए हैं। जब आप पान खाते हैं तो पीकदान [उगालदान] भी साथ रखने का सलीका पैदा करें तो कहीं कोई गलाज़त नहीं होगी:(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-10126560495090620592011-03-23T20:32:11.751+04:002011-03-23T20:32:11.751+04:00पान का आनन्द तो खाने में ही है।पान का आनन्द तो खाने में ही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-8113067079134857402011-03-23T16:17:23.062+04:002011-03-23T16:17:23.062+04:00धन्यवाद पारूल पान इतने प्यार से पेश किया जाए तो कि...धन्यवाद पारूल पान इतने प्यार से पेश किया जाए तो किसे न भाएगा। शुक्रिया मजा आ गया :)पूर्णिमा वर्मनhttps://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3627654484063710786.post-27944734542032406652011-03-23T16:09:14.161+04:002011-03-23T16:09:14.161+04:00पूर्णिमा जी , पान को महिमामंडित कर आपने दुनिया के ...पूर्णिमा जी , पान को महिमामंडित कर आपने दुनिया के सामने इसके उजले पक्षों को भी सामने रखा है .. यूँ ही किस्सागोई करते करते पान कहीं किस्सा बनकर न रह जाए ... कभी स्वागत की निशानी माने जाने वाला बेचारा पान आज अपने स्वागत को तरस रहा है .. इसके इन हालातों का जिम्मेदार पान नहीं बल्कि पान खाने वाले हैं जिन्होंने पान खाने का सलीका खो दिया .. खैर मुझे गुलकंद वाला पान पसंद है और मेरी तरफ से इस अच्छे लेखन Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.com